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पतंजलि को फटकार अखबार नहीं लाने पर कोर्ट ने लगाई लताड़

■ दिल्ली: पतंजलि विज्ञापन केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई. सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने पतंजलि के वकील को ओरिजिनल माफीनामा (न्यूज पेपर्स की कॉपी) की जगह ई-फाइलिंग करने पर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा- बहुत ज्यादा कम्युनिकेशन गैप है. कोर्ट ने इस पर ऐतराज जताया और कहा कि जानबूझकर किया जा रहा है. पतंजलि के वकील ज्यादा स्मार्ट हैं. पूरा न्यूज पेपर फाइल किया जाना था. कोर्ट व पतंजलि पर समय पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड सरकार को भी फटकारा. साथ ही आईएमए प्रमुख के एक दिन पहले दिए इंटरव्यू को रिकॉर्ड में लेने को कहा. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में रामदेव और बालकृष्ण पांचवीं बार पेश हुए. पतंजलि की ओर से मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह ने पैरवी की

मुकुल रोहतगी ने आईएमए अध्यक्ष के बयान से अदालत को वाकिफ कराया. इसमे आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर अशोकन ने कहा था कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए और प्राइवेट डॉक्टरों की प्रैक्टिस की आलोचना की है. उन्होंने कहा था कि अस्पष्ट बयानों ने ये प्राइवेट डॉक्टरों का मनोबल कम किया है. हमें ऐसा लगता है कि उन्हें देखना चाहिए था किउनके सामने क्या जानकारी रखी गई है. शायद उन्होंने इस पर ध्यान ही नहीं दिया कि मामला ये था ही नहीं, जो कोर्ट में उनके सामने रखा गया था. इस पर कोर्ट ने कहा कि उनके बयान को रिकॉर्ड पर लाया जाए. ये बेहद गंभीर मामला है. इसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार हो जाएं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई अब 14 मई को होगी. रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी गई है.

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