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कानन देवी की शादी के खिलाफ था कोलकाता

ये वो दौर था जब फिल्में महज 15 से 20 हजार में बनती थीं और टिकट की कीमत महज 30 पैसे हुआ करती थी, लेकिन उस दौर में भी कानन देवी एक गाने के 1 लाख रुपए और फिल्म के लिए 5 लाख रुपए लेती थीं यही वजह है कि उन्हें भारत की पहली फीमेल सुपरस्टार कहा जाता है। ये भारत के साथ-साथ बंगाल की भी पहली स्टार हैं। दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड जीतने वालीं चौथी महिला कानन देवी ने अपने हुनर से हिंदी सिनेमा में कई ट्रेंड बनाए।

जेंडर पे गैप आज भी हिंदी सिनेमा में बड़ा मुद्दा है, लेकिन कानन देवी उस समय पुरुषों से ज्यादा फीस लिया करती थीं। ये उन शुरुआती कलाकारों में हैं, जिन्हें चाहने वालों से बचाने के लिए कड़ी सिक्योरिटी में रखा जाता था। साथ ही उन्हें भारत की पहली बायकॉट की जाने वाली एक्ट्रेस भी कहना गलत नहीं होगा।कानन देवी की पॉपुलैरिटी ऐसी थी कि जहां जाती थीं, देखने वालों की भीड़ लग जाती थी। यही कारण रहा कि न्यू थिएटर वाले उन्हें कड़ी सिक्योरिटी में रखते थे। कानन देवी पहली एक्ट्रेस हैं, जिन्हें सिक्योरिटी दी गई थी।

कई लोग उनसे निजी सवाल किया करते थे, जिसके चलते उन्होंने कई फिल्मों में काम करना छोड़ दिया था। विरोध का असर उनकी शादीशुदा जिंदगी पर भी पड़ा। एक समय बाद अशोक मैत्रा भी कानन देवी के फिल्मों में काम करने के खिलाफ हो गए।पत्नी को ज्यादा तवज्जो मिलने से तंग आकर हरिदास भट्टाचार्या ने 1987 में कानन देवी का घर छोड़ दिया। दोनों के रिश्ते इतना बिगड़ गए थे कि जब 17 जुलाई 1992 को कानन देवी का निधन हुआ तो हरिदास भट्टाचार्या शहर में होने के बावजूद उन्हें आखिरी बार देखने भी नहीं पहुंचे। इस शादी से उन्हें बेटा सिद्धार्थ था।

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