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बेटी हुई तो तीसरी मंजिल से फेंक दिया

वो महिला जो 17 साल बेड पर थी, आज 3000 बच्चियों को सिखा रहीं सेल्फ-डिफेंस

वाराणसी में एक जगह है…पांडेयपुर। यह जगह आज एक ऐसी महिला की वजह से जानी जाती है जो अपने NGO में यहां की बच्चियों और औरतों को खुद के पैरों पर खड़ा होना सिखाती हैं। लेकिन वो महिला आज खुद बिना सहारे चल नहीं सकतीं।

नाम है पूनम राय। पूनम को अपने शरीर के नीचे का हिस्सा महसूस ही नहीं होता। वजह ये कि बेटी पैदा होने की वजह से उनके ससुराल वालों ने उन्हें तीसरी मंजिल से धक्का दे दिया था। इससे उनके शरीर का आधा हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया।

उन्होंने अपनी शादी, ससुराल वालों के धोखे, 17 साल बेड पर रहने और उससे उबरकर इतनी लड़कियों को काबिल बनाने की जो कहानी बताई वह बहुत इंस्पायरिंग है। आइए शुरू से सब जानते हैं…

पूनम कहती हैं कि मेरी जिंदगी एकदम राजकुमारी जैसी थी। माता-पिता मेरी हर इच्छा पूरी करते। मुझे बचपन से ही पेंटिंग करने का बहुत शौक था। इसलिए मेरे पिता चाहते थे कि मैं इसी में अपना करियर बनाऊं। इसी बीच उनके पिता का वाराणसी ट्रांसफर हो गया, इसलिए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पेंटिंग ऑनर्स से ग्रेजुएशन किया। पूनम जब 21 साल की हुईं तो घर में उनकी शादी की बातें होने लगीं।

पिता चाहते थे कि वो इंजीनियर हैं इसलिए उन्हें दामाद भी इंजीनियर मिले। इसी बीच पूनम के लिए रिश्ता आया। लड़के ने सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की थी। शादी तय हुई। लड़के के परिवार का कहना था कि लड़का इतना पढ़ा-लिखा है, अच्छा कमाता है तो वो बिना दहेज के शादी नहीं करेंगे।

परिवार तैयार हो गया लेकिन पूनम ने कहा कि वो शादी करने से पहले लड़के से एक बार मिलना चाहती हैं। पर लड़के के परिवार वालों ने इसके लिए साफ मना कर लड़के की तस्वीर भिजवा दी। सबको लड़का अच्छा लगा और शादी हो गई। साथ में दो ट्रक भरकर तोहफे भेजे गए। पूनम कहती हैं कि एक छोटी सुई से लेकर फ्रिज, वाशिंग मशीन तक मेरे पापा ने उन्हें दिया। लेकिन मुझे इस बात का पता नहीं था कि मेरे ससुराल वालों ने दहेज मांगा। मैं ढेरों सपने लिए अपने नए घर पहुंची।

पूनम बताती हैं कि शुरुआत के करीब एक हफ्ते तक घर में मेहमान थे। तबतक तो सब ठीक था। लेकिन उसके बाद वो एक दिन अपने कमरे में बैठी पति का इंतजार कर रहीं थीं। दिल तेजी से धड़क रहा था, मन में पति से मिलने की खुशी थी। देर रात उनका पति कमरे में आया। उसके साथ ही तेज महक भी आ पहुंची। शायद उसने नशा कर रखा था।

इंतजार में सुन्न पड़े पैर थोड़ा हिलाने-डुलाने लगे तो उसकी कड़कड़ाती आवाज आई। वो गुस्से से मेरा नाम चिल्लाने लगा। उस रात उसने मेरे साथ जबरदस्ती की। उसके बाद तो यह हर रोज का किस्सा हो गया। मैं चिल्लाती तो वो मुंह में कपड़ा ठूंस देता। खुद को छुड़ाने की कोशिश करती तो हाथ-पैर बांध देता। पीटता, लातें मारता। पूनम सब बर्दाश्त करती रहीं।

एक दिन उन्हें पता चला कि जिस लड़के को इंजीनियर बताकर उनकी शादी करा दी गई वो सिर्फ 12वीं पास था। अपने मां-बाप को मारता पीटता था। उधर उसके मां-बाप पूनम को ताने देते। पर जैसे-तैसे वो उस परिवार को अपनाने की कोशिश कर रही थीं।

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