समय पर ऑक्सीजन न मिलने से नही रहा माँ-बाप का लाल
डॉक्टर की लापरवाही से नावजाज शिशु की मौत।
समय पर नही मिला नावजाज शिशु को ऑक्सीजन।
माँ ने बेटे को जन्म देते ही आखरी आवाज सुनी।
ओम हॉस्पिटल में ऑक्सिजन के लिए दौड़ रहे थे,डॉक्टर और नर्स।
नावजाज शिशु सीरियस होने के बाद भेजा गया बच्चो के अस्पताल।
बच्चो के डॉक्टर ने बताया बच्चा था,सीरियस बचाना था मुश्किल।
डॉक्टर की गलती के कारण नही रहा मा बाप का लाल।
परिजनों ने लगाए ओम हॉस्पिटल पर आरोप,सुविधाएं नही थी तो क्यो कराया भर्ती।
भंडारा:-भंडारा के साई मंदिर के पीछे स्थित एक निजी हॉस्पिटल ओम हॉस्पिटल में डिलीवरी के लिए शनिवार18 फरवरी को भर्ती कराया गया। 3 बजकर 42 मिनिट पर नावजाज शिशु का जन्म हुआ लेकिन कुछ देर बाद बच्चे को सास लेने में तकलीफ होने लगी।जिसके बाद हॉस्पिटल में ऑक्सीजन के लिए अफरा तफरी मच गई। ऑक्सीजन देने में देर होने के कारण बच्चे की तबियत बिगड़ने लगी। जिसके लिए उसे दूसरे निजी बच्चो के हॉस्पिटल में भेजा गया। जहाँ डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि बच्चे की हालत खराब है इसे ऑक्सीजन देने में समय हो गया है।लेकिन डॉक्टर ने इलाज करने के बाद भी बच्चे को बचा नही पाए,जिसके बाद 9.30 दरमयान उस बच्चे की मौत हो गई। इस खबर से मातापिता पर दुख का पहाड़ गिर पड़ा ।
माता पिता का पहला बच्चा और वो भी किसी डॉक्टर की गलती के कारण बच्चे को खो देना ऐसे समय पर मातापिता और परिजनों को कुछ समझ नही आ रहा था कि किसको दोष दे डॉक्टर को या खुद को जो ऐसे हॉस्पिटल में लाये,जहाँ ऑक्सीजन भी बच्चे को समय पर न मिल पाया।दूसरे दिन उस माँ को इसकी जानकारी दी गई तो उसके पैरों तले मानो जमीन खिसक गई। रो रो कर माँ ने कहा कि ऐसे हॉस्पिटल और ऐसे डॉक्टर पर सख्त सख्त कार्यवाही हो जिसके कारण कोई और माँ अपने लाल को न खो सके। परिजनों का आरोप था कि जब डिलेवरी के लिए समय पर ओम हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सुविधा ही नही थी तो मरीज को क्यो लिया गया। यह भी बताया गया कि डिलेवरी के बाद नर्स और डॉक्टर ने ऑक्सीजन के लिए अधिक समय गवाया। यदि उसी वक़्त बच्चे को दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता तो शायद आज नावजाज शिशु की जान बचाई जा सकती थी। ऐसा आरोप मातापिता और परिजनों ने लगाया है। ओम हॉस्पिटल पर जांचपड़ताल कर कार्यवाही की मांग की गई है,जिससे इसके बाद ऐसी कोई घटना न हो पाए साथ ही जिला शल्य चिकित्सक तथा पुलिस स्टेशन भंडारा में इसकी शिकायत करने की बात कही है।ऑक्सीजन को लेकर हुई हरकत हॉस्पिटल के कैमरे में कैद कैमरे में आयेगी सारी सच्चाई।Bs cin ऐसी घटनाओं की निदा करता है,और ऐसे हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो साथ ही ऐसी कोई घटना दुबारा न हो। इसके पहले जिला अस्पताल में एक हादसे में 11 नावजाज शिशुओं ने अपनी जान गई थी! जिसके बाद भी निजी हॉस्पिटलो में एक बच्चे ने ऑक्सीजन की कमी के कारण जान गवाई है। अब ऐसी घटना दोबारा न हो इसलिए ओम हॉस्पिटल पर कार्यवाही की मांग की जा रही है। घटना के बाद परिजनों ने डॉक्टर से डॉक्यूमेंट मांगने पर वे टालमटोल कर रहे थे। आखिर हॉस्पिटल डॉक्यूमेंट क्यो नही दे रहा यह भी सवाल उपस्थित होता है।