हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर तालाब और झीलों में पहुँचे विदेशी पक्षी..

गोंदिया को तालाबों का जिला कहा जाता है वर्तमान में ठंड बढ़ने की वजह से यहां प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरु हो गया है इस वज़ह से पक्षी प्रेमियों का उत्साह व बांध-तालाबों की रौनक बढ़ने लगी है.पूर्व विदर्भ में हज़ारों कि.मी. का लंबा सफर तय कर इन पक्षियों को समूह के साथ आसमान में देखा जा सकता है हिमालय के अलावा यूरोपीय देश साइबेरिया से लगभग 10 हजार कि.मी. की दूरी तय कर नवंबर दिसंबर एवं जनवरी महीने में इन पक्षियों का यहां आगमन होता है जबकि इनकी वापसी बसंत पंचमी यानी फरवरी-मार्च माह के अंत तक होती है
सर्वाधिक पक्षी वनक्षेत्र से घिरे तालाब परिसर में दिखाई देते है इनमें नवेगावबांध नागझिरा चुलबंद प्रकल्प पुजारीटोला बाजारटोला परसवाड़ा झिलमिली आमगांव का नवतालाब महादेव पहाड़ी परिसर झलिया तालाब एवं अंजोरा तालाब जलाशयों का समावेश है
प्रवासी पक्षी अनुकूल वातावरण एवं भोजन की उपलब्धता को ध्यान में रखकर अपनी यात्रा करते है जिनकी चार माह बाद पुनः वापसी हो जाती है ये सिलसिला अनेक वर्षों से पक्षियों का जारी है