आयुर्वेद कहता है कि अगर शरीर को उसकी जरूरत का भोजन नहीं मिला तो उसमें विषाक्त तत्व बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद में हर चीज के खाने-पीने का समय, मौसम और व्यक्ति की शारीरिक बनावट यानी प्रकृति के अनुसार तय है।
आयुर्वेद के मुताबिक शरीर के तीन मुख्य तत्व या प्रकृति होती है- वात, पित्त और कफ। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली की प्रोफेसर डॉ. मेधा कुलकर्णी कहती हैं, शरीर में जब भी इन तत्वों का संतुलन बिगड़ता है, व्यक्ति बीमार पड़ जाता है। इसलिए बैलेंस्ड डाइट की सलाह दी जाती है जो जल्दी पच जाए और पोषक तत्वों से भरपूर हो।
‘द आयुर्वेदिक कुकबुक, गेट फिट इन जस्ट टू वीक्स’ की लेखिका गीता रमेश बताती हैं आयुर्वेदिक कुकिंग के लिहाज से क्या और कैसे खाना चाहिए।