तुमसर क्षेत्र के साथ ही जिले में बीएसएनएल की 4 जी सेवा उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द साबित हो रही है. इससे ग्राहकों के रिचार्ज के पैसे बेवजह खर्च हो रहे हैं. इसमे सुधार लाने की आवश्यकता है. बड़े शहरों मे रहने वाले लोग फोर-जी और फाइव जी के माध्यम से व्हाट्सएप वीडियो, ऑडिओ से बात करने कॉल लगाते हैं, लेकिन पता नहीं है कि भंडारा जिले के नागरिक पिछड़े हिस्से में रहते हैं. जहां लैंडलाइन पर भी बात बढ़ी मुश्किल से हो पाती है. व्हाट्सएप वीडियो, ऑडिओ कॉल तो यहां के लोगों के लिए ख्वाब बनकर रह गई है. रेस्ट इन पीस वाली सोच पहले कम से कम बीएसएनएल के लैंडलाइन एवं मोबाइल से बात तो हो जाती थी पर अब बीएसएनएल में रेस्ट इन पीस वाली सोच आने लगी है. निजी कम्पनियों के मोबाइल के सर्वर मात्र अपनी कमाई में लगे हुए हैं. बगैर किसी सेवाओं के और वह भी उनके मनमाफिक दामों में बिक रहे हैं. कुल मिलाकर आम आदमी ने यह समझ जाना चाहिए कि बीएसएनएल अब निजी कंपनियों के हाथ बिक चुकी है जिन्हें जुड़ना है जुड़े, वरना जिंदगी भर हैलो हैलो चिल्लाते रहे.