दोषी को 10 वर्ष सश्रम कारावास

भंडारा : सत्र न्यायाधीश पी.बी. तिजारे ने नाबालिग लड़की को भगाने के मामले में आरोपी साकोली तहसील के जांभली निवासी कमलेश अशोक गायधने को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और आर्थिक जुर्माना भरने की सजा सुनाई फरियादी मजदूरी करता है उसकी नाबालिग बेटी 10वीं कक्षा में पढ़ती थी वह हर दिन सुबह 9.45 बजे स्कूल जाकर शाम को घर लौट आती लेकिन पिछले 20 दिनों से मां की तबीयत ठीक नहीं रहने से वह स्कूल नहीं जा रही थी 7 जनवरी 2019 को सुबह 7 बजे किसी काम की बजट से फरियादी भंडारा चला गया शाम 7.15 बजे उसे पड़ोसी प्रफुल्ल चरणदास वालकर का फोन आया. उसने बताया कि उसकी बेटी घर में नहीं है. तलाश करने पर भी आजूबाजू में नहीं दिखी. फरियादी घर लौट आया. पत्नी को पूछने पर उसने बताया कि 10 बजे के दौरान कुए लेने पानी लाने गई थी. लेकिन लौटकर नहीं आई.
बाद में पता चला कि गांव का ही कमलेश गायधने घर में नहीं है. कमलेश पर नाबालिग को भगा ले जाने के संदेह में साकोली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. साकोली के तत्कालीन उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रभाकर तिक्कस के मार्गदर्शन में परिविक्षाधीन पुलिस उपनिरीक्षक धीरज खोबरागडे ने मामले की जांच कर आरोप पत्र न्यायालय को दाखिल किया. न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 3 हजार रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई. इस मामले में सरकारी पक्ष अभियोक्ता दुर्गा तलमले ने रखा